जरा देश की जनता को देखिये
नेताओ को अपना देवता जो मान
पूज रही जनता को देखिये
चुनाव में जो अपना मत देंगे
सत्ता में जो कुर्सी देंगे
ऐसी जनता के हित तो जरा सोचिये
जनता का विश्वास तुम जीत लोगे
पद की गरिमा पर ध्यान अब दीजिय
देश का सम्मान हो तुम ,
जनता का विश्वास हो तुम
ऐसे जनता के विश्वास को
आज नई दिशा दीजिय
बहुत हो चुकी दगावाजी
अब जनता से खिलवाड़
दगाबाजी अब मत किजीए
झूटे वादे छोड़ जानते के
स्वाभिमान को तो पहचानिये
नेता हो तुम देश के हो कर्णधार
देश को नया आयाम अब दीजिय
जनता अब जिसलिए चुने तुम्हें
उसे नेता बन सार्थक किजीए