शनिवार, 1 नवंबर 2008

नेता बन सार्थक किजीए .........

सारी दुनिया की बात करते हो
जरा देश की जनता को देखिये
नेताओ को अपना देवता जो मान
पूज रही जनता को देखिये
चुनाव में जो अपना मत देंगे
सत्ता में जो कुर्सी देंगे
ऐसी जनता के हित तो जरा सोचिये
जनता का विश्वास तुम जीत लोगे
पद की गरिमा पर ध्यान अब दीजिय
देश का सम्मान हो तुम ,
जनता का विश्वास हो तुम
ऐसे जनता के विश्वास को
आज नई दिशा दीजिय
बहुत हो चुकी दगावाजी
अब जनता से खिलवाड़
दगाबाजी अब मत किजीए
झूटे वादे छोड़ जानते के
स्वाभिमान को तो पहचानिये
नेता हो तुम देश के हो कर्णधार
देश को नया आयाम अब दीजिय
जनता अब जिसलिए चुने तुम्हें
उसे नेता बन सार्थक किजीए

2 टिप्‍पणियां:

Ganesh Kumar Mishra ने कहा…

waah!!! ashok ji.......in netaon ka netritva to aapko de dena chahiye...aap hi inhe sahi tarike se sudhaar sakte hain...likhte rahiye..hum aapse sahmat hain.

तीसरा कदम ने कहा…

बहुत ही शानदार लिखा अपने लेकिन अब तो चुनाव हो चुके हैं. अब कुछ नया लिखिए.
निवेदन स्वीकार करे.